मसीही आचार संहिता परिवार में माता-पिता के लिए निर्देश 1. अपने बच्चे को प्रोत्साहित करें हे बच्चेवालों, अपने बालकों को तंग न करो, न हो कि उन का साहस टूट जाए। (कुलु 3:21) उनके साहस को न तोडें। उन्हें उदास, हताश, चिडचिडा, छोटा, नीचा, या घटिया मेहसूस होने न दें। उन्हें अच्छी अच्छी वस्तुऐं दें, जैसा हमारा पिता परमेश्वर भी हमें प्रेम से सारी वस्तुऐं देता है। (लूका 11:11-13) 2. जब बच्चे जवान है तभी उन्हें अनुशासन सिखादें । जबतक आशा है तो अपने पुत्र को ताड़ना कर, जान बूझकर उसका मार न डाल। (नीति 19:18)। अनुशासन की शिक्षा देना प्रेम की ही निशानी है। ( इब्रा 12: 6:10) 3. प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन- पोषण करो। और हे बच्चेवालों अपने बच्चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन- पोषण करो।। (इफि 6:4) - उन्हें शिक्षा दें लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा। (नीति 22:6) और बालकपन से पवित्र शास्त्रा तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बु...