Kama-1, Kamayani. Jai Shankar Prasad
मैं देख रहा हूँ जो कुछ भी
वह सब क्या छाया उलझन है?
सुंदरता के इस परदे में
क्या अन्य धरा कोई धन है?
Is my vision of all I see a shadowy snare?
Or, the veil of beauty has some treasure unaware?
Kama-2
"यह नीड़ मनोहर कृतियों का
यह विश्व कर्म रंगस्थल है,
है परंपरा लग रही यहाँ
ठहरा जिसमें जितना बल है।
This world is a play theatre of nesty pleasant works,
The governing principle is that the strongest remain on earth
देखा तो सुंदर प्राची में
अरूणोदय का रस-रंग हुआ।
Behold in the beautiful east
the joyous blushing of the dawn!
मैं देख रहा हूँ जो कुछ भी
वह सब क्या छाया उलझन है?
सुंदरता के इस परदे में
क्या अन्य धरा कोई धन है?
Is my vision of all I see a shadowy snare?
Or, the veil of beauty has some treasure unaware?
Kama-2
"यह नीड़ मनोहर कृतियों का
यह विश्व कर्म रंगस्थल है,
है परंपरा लग रही यहाँ
ठहरा जिसमें जितना बल है।
This world is a play theatre of nesty pleasant works,
The governing principle is that the strongest remain on earth
देखा तो सुंदर प्राची में
अरूणोदय का रस-रंग हुआ।
Behold in the beautiful east
the joyous blushing of the dawn!
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